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ROE और ROCE क्या होता है ? ROE, ROCE Meaning in Hindi

दोस्तों में किसी भी कंपनी में करते समय हमें बहुत से पैरामीटर्स और financial ratio को चेक करना होता है। जिससे हमें कंपनी के profit/loss और financial पोजीशन का पता चलता है। इन्हीं parameters में ROE (Return on Equity) और ROCE (Return on Capital Employed)भी है।

दोस्तों आज के इस टॉपिक में आपको ROE और ROCE क्या होता है और इसे कैसे calculate करते हैं पता चल जाएगा। पहले जानते हैं ROE के बारे में :

ROE (Return on Equity) क्या होता है

ROE का full form Return on Equity होता है I

दोस्तों जैसा कि नाम से ही हमें पता चल रहा है कि Equity से जो return आता है उसे Return on Equity कहते हैं। इसे और आसानी से समझते हैं। कोई भी कंपनी अपने shareholders के invested capital पर कितना profit कमा रही है।

Return on Equity कैसे कैलकुलेट करते हैं।

दोस्तों हम किसी भी कंपनी का ROE बड़ी आसानी से निकाल सकते हैं। इसमें हमें कंपनी के Net Income या PAT (Profit After Tax) में shareholders की कुल equity का भाग देकर निकाला जाता है।

इसे एक उदाहरण से समझते हैं :

.ROE Calculation.
XY Ltd.YZ Ltd.
Income10,00012,000
Expenses4,0003,000
Profit before Tax (PBT)6,0009,000
Tax (30%)(1,800)(2,700)
Profit after Tax (PAT)4,2006,300
Share Capital1,5001,600
Reserves5,0007,000
Net worth (Shareholders Equity)30,00040000

अब दोस्तों हमारे पास यहाँ PAT (Profit After Tax) और Total Shareholders Equity है। अब इसमें ROE calculate करते हैं I

ROE = PAT ÷ Shareholders Equity x 100

XY Ltd. का ROE होगा :

  • 4200 ÷ 30000 x 100 = 14 %
  • YZ Ltd. का ROE होगा :
  • 6300 ÷ 40000 x 100 = 15.75 %

Net Income or PAT:

दोस्तों किसी कंपनी की नेट इनकम या profit after tax निकालने के लिए कंपनी के उसे financial year के टर्नओवर में सभी खर्चों को जैसे कि ऑपरेटिंग कॉस्ट जिसमे EMPLYOYE सैलरी भी है interest, tax आदि सभी को निकालने के बाद जो बचता है। उसे नेट इनकम या प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT) कहा जाता है।

Shareholders Equity:

दोस्तों किसी भी कंपनी में जितने भी शेयर्स हम खरीदते हैं उन्हें ‘Equity shares’ कहते हैं और इसी तरह से equity shares के रूप में जो हिस्सेदारी हमें उस कंपनी में मिलती है उसे ‘Shareholders Equity’ कहा जाता है। ‘Shareholders Equity’ वह राशि है जो किसी कंपनी के मालिकों ने कंपनी में निवेश क्या है। इसमें वह राशि भी शामिल होता है जिसे मालिकों या द्वारा निवेशकों द्वारा निवेशित राशि पर कंपनी ने प्रॉफिट कमाया है। Shareholders’ Equity की राशि निकालने के लिए कंपनी की Total Assets में से Total Labilities को घटा दिया जाता है।

ROE कितना होना चाहिए ?

दोस्तों किसी भी कंपनी में इन्वेस्ट करने के बाद हम उससे ज्यादा return की ही उम्मीद करते हैं। लेकिन ROE को 20% या 15% तक अच्छा माना है। अगर किसी कंपनी का ROE 10% से भी कम है और अन्य आंकड़ें भी इसी प्रकार है तो हम ऐसे कंपनी को कम profit return देने वाली कंपनी कह सकते हैं। दोस्तों आजकल ऐसे वेबसाइट और स्टॉक स्क्रीनर है जो ROE या अन्य सभी Ratios को calculate करके दिखा देते हैं। आप रिटर्न ऑन इक्विटी जानकारी के लिए Screener, Finology, Tickertape, Moneycontrol आदि पर जाकर फ्री में ऑनलाइन देख सकते हैं।

ROE चेक करते समय महत्त्वपूर्ण बातें जो ध्यान रखना चाहिए :

  • १. ज्यादा डेप्रिसिएशन के कारण कंपनी की नेट इनकम कम हो जाती है जिससे रिटर्न ऑन इक्विटी कम हो जाता है जो कि कंपनी का सही ROE नहीं दिखाता।
  • २. यदि कोई कंपनी अपने शेयर को शरहोल्डर्स से बाय बैक करती है तो कंपनी के आउटस्टैंडिंग शेयर्स कम होते हैं जिससे की ROE में इजाफा होता है। तो यहाँ पर भी ROE सही नहीं दिखाएगा।
  • ३. दोस्तों दो कंपनी के बीच में ROE की तुलना करने के लिए हमें सामान सेक्टर की कंपनी में तुलना करना चाहिए। क्योंकि सेक्टर वाइज ROE different हो सकते हैं।
  • ४. ROE का लगातार कम होना कंपनी और उसके निवशकों के लिए अच्छा संकेत नहीं है। ठीक इसके विपरीत अगर ROE लगातार बढ़ रहा है तो यह अच्छा संकेत है।
  • ५. कुछ कम्पनीज कर्ज लेकर अपने ROE को बढ़ा लेती हैं। जिससे लोगों को यहाँ भी भ्रम हो सकता है। अतः आपको उस कंपनी में Debt on Equity और ROCE भी देखना चाहिए।

दोस्तों अब जानते हैं ROCE (Return on Capital Employed) के बारे में

ROCE (Return on Capital Employed) क्या होता है ?

रिटर्न ऑन कैपिटल एंप्लॉयड एक प्रॉफिटेबल रेश्यो होता है जो हमें यह बताता है कि कंपनी अपने बिजनेस में लगाए हुए पूँजी पर कितना प्रॉफिट कमा रही है। दूसरे शब्दों में कहे तो कंपनी अपने व्यापार में लगाए हुए सभी कैपिटल पर जो प्रॉफिट कमा रही है उसे ROCE कहते हैं।
इसे एक उदाहरण से समझते है :
मान लेते हैं रमेश को एक कंपनी XYZ Ltd शुरू करनी हैं इसके लिए उसे 1000 रू. चाहिए लेकिन उसके पास सिर्फ 500 रू. ही है। इस समय रमेश अपने दोस्त से मदद लेगा और अपनी कंपनी में निवेश कराएगा उसे शेयरहोल्डर बनाएगा या उससे कर्ज लेगा। रमेश का दोस्त सुरेश XYZ Ltd में 300 रू. का निवेश करता है। अभी भी रमेश को 200 रू. और चाहिए। रमेश बैंक के पास जायेगा और क़र्ज़ में 200 लेगा जिसे उसे बैंक को ब्याज के साथ वापस करना है। यहाँ पर सुरेश कंपनी का शेयरहोल्डर है इसलिए रमेश को उसके पैसे वापस नहीं करने है बल्कि सुरेश कंपनी में 30% का पार्टनर है हुए वह कंपनी में लाभ या हानि में 30% हिस्सेदार है।

यहाँ पर कंपनी के पास कुल 1000 रू हो गये। बिजनेस शुरू करने के लिए। 500रू. रमेश , 300रू. सुरेश और 200रू. बैंक द्वारा कर्ज।

  • इक्विटी कैपिटल : 800रू.
    कर्ज : 200रू.
  • Equity Capital + Debt = Capital Employed
  • 800 + 200 = 1000

अब इस 1000 के साथ कंपनी अपना बिजनेस करती है और 1 साल में यह 1000 रू. पंद्रह सौ हो जाता है। तो यहां पर रिटर्न ऑन कैपिटल एंप्लॉयड (ROCE) 50% होगा। क्योंकि जो कंपनी में 1000 रू. का कुल निवेश हुआ था उस निवेश राशि को कंपनी ने प्रॉफिट करके 1500 रू. कर लिया है।

  • ROCE % = Operating profit ÷ Capital employed x 100
  • ROCE % = 500 ÷ 1000 x 100
  • ROCE = 50 %

Return On Capital Employed Formula क्या है :

  • EBIT (Earning Before Interest & Taxes) या जिसे हम Operating Profit भी कहते है।
  • Operating Profit कंपनी के Income Statement से मिलता है
  • Capital Employed को हम बैलेंस शीट से कैलकुलेट कर सकते हैं।

Return On Capital Employed क्यों जरुरी है :

  • Return On Capital Employed से किसी भी कंपनी के अच्छे प्रॉफिट या लॉस Return का पता चलता है।
  • ROCE जितना ज्यादा होगा वह कंपनी और निवेशको के लिए उतना ही अच्छा रहेगा।

निष्कर्ष :

किसी भी कंपनी में निवेश करते समय देखना ROCE बहुत ही जरूरी होता है ROCE जितना ज्यादा हो उतना ही अच्छा माना जाता है। अगर कंपनी में कर्ज है तो हमें ROCE ज्यादा अच्छे से चेक करना चाहिए और अगर कंपनी कर्ज मुक्त है तो हम ROE देख सकते हैं।

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