बुक वैल्यू और आंतरिक मूल्य के बीच मुख्य अंतर
बुक वैल्यू और आंतरिक मूल्य के बीच मुख्य अंतर

Book Value और Intrinsic Value क्या होता है ? इसे कैसे Calculate किया जाता है?

1. बुक वैल्यू (Book Value)

बुक वैल्यू एक कंपनी की वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन करने का एक तरीका है, जो उसकी बैलेंस शीट पर दर्ज की गई संपत्ति और देनदारियों पर आधारित होता है। इसे हिंदी में “पुस्तक मूल्य” भी कहा जाता है। बुक वैल्यू का उपयोग अक्सर निवेशक करते हैं ताकि यह समझ सकें कि कंपनी की असल संपत्ति और देनदारियों की स्थिति क्या है।

बुक वैल्यू की गणना

बुक वैल्यू की गणना निम्नलिखित सूत्र से की जाती है:
{बुक वैल्यू} = {कुल संपत्ति} – {कुल देनदारियाँ}

उदाहरण

यदि किसी कंपनी की कुल संपत्ति ₹10 करोड़ और कुल देनदारियाँ (कर्ज, उधार या बकाया) ₹4 करोड़ हैं, तो उसकी बुक वैल्यू होगी:
बुक वैल्यू = ₹10,00,00,000 − ₹4,00,00,000 = ₹6,00,00,000

बुक वैल्यू प्रति शेयर (Book Value per Share)

बुक वैल्यू प्रति शेयर की गणना निम्नलिखित सूत्र से की जाती है:

उदाहरण

यदि कंपनी की बुक वैल्यू ₹6 करोड़ है और कुल आउटस्टैंडिंग शेयर 60 लाख हैं, तो बुक वैल्यू प्रति शेयर होगी:

2. आंतरिक मूल्य (Intrinsic Value)

आंतरिक मूल्य, जिसे “अंतरनिहित मूल्य” भी कहा जाता है, किसी निवेश की वास्तविक मूल्य को दर्शाता है। यह मूल्य निवेशक के दृष्टिकोण से मूल्यांकन किया जाता है, जिसमें भविष्य की कमाई, नकदी प्रवाह, और जोखिम को ध्यान में रखा जाता है। आंतरिक मूल्य का उपयोग मुख्यतः यह निर्धारित करने के लिए किया जाता है कि वर्तमान बाजार मूल्य किसी निवेश के वास्तविक मूल्य से ऊपर है या नीचे।

आंतरिक मूल्य की गणना

आंतरिक मूल्य की गणना विभिन्न तरीकों से की जा सकती है, जिनमें से कुछ प्रमुख तरीके हैं:

डिस्काउंटेड कैश फ्लो (DCF) विश्लेषण:

इसमें भविष्य में अपेक्षित नकदी प्रवाह को वर्तमान मूल्य में परिवर्तित किया जाता है।

प्राइस/अर्निंग्स (P/E) अनुपात:

इसमें कंपनी के लाभांश और उसके संभावित वृद्धि दर को ध्यान में रखा जाता है।

उदाहरण

यदि किसी कंपनी की उम्मीद की जाती है कि वह अगले 5 वर्षों में ₹10 लाख, ₹12 लाख, ₹14 लाख, ₹16 लाख, और ₹18 लाख का नकदी प्रवाह उत्पन्न करेगी, और छूट दर 10% है, तो आंतरिक मूल्य की गणना होगी:

3. भारतीय स्टॉक मार्केट में बुक वैल्यू और आंतरिक मूल्य का महत्व

भारतीय स्टॉक मार्केट में निवेशक इन दोनों मानकों का उपयोग यह निर्णय लेने के लिए करते हैं कि किस स्टॉक में निवेश करना लाभदायक हो सकता है।

  • बुक वैल्यू: यह निवेशक को बताती है कि किसी कंपनी की वास्तविक संपत्ति और देनदारियों की स्थिति क्या है।
  • आंतरिक मूल्य: यह मूल्यांकन करता है कि किसी स्टॉक का वर्तमान बाजार मूल्य उसके वास्तविक मूल्य से कितना मेल खाता है।

अगर किसी स्टॉक का बाजार मूल्य उसके आंतरिक मूल्य से कम है, तो उसे अंडरवैल्यूड (कम मूल्यांकित) माना जाता है, और अगर अधिक है, तो उसे ओवरवैल्यूड (अधिमूल्यांकित) माना जाता है। यह जानकारी निवेशकों को बेहतर निवेश निर्णय लेने में मदद करती है।

4. बुक वैल्यू और आंतरिक मूल्य के बीच मुख्य अंतर

बुक वैल्यू और आंतरिक मूल्य के बीच मुख्य अंतर निम्नलिखित हैं:

बुक वैल्यू (Book Value)

परिभाषा:

  • बुक वैल्यू किसी कंपनी की संपत्ति और देनदारियों का बैलेंस शीट पर दर्ज किया गया मूल्य होता है।

गणना:

  • बुक वैल्यू = कुल संपत्ति – कुल देनदारियाँ।
  • बुक वैल्यू प्रति शेयर = बुक वैल्यू / कुल आउटस्टैंडिंग शेयर।

डेटा का स्रोत:

  • बुक वैल्यू की जानकारी कंपनी की बैलेंस शीट से मिलती है।

प्रभाव:

  • बुक वैल्यू स्थिर होती है और आमतौर पर वार्षिक या तिमाही आधार पर बदलती है।

प्रभावकारिता:

  • बुक वैल्यू कंपनी की वर्तमान वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए उपयोगी होती है।

आंतरिक मूल्य (Intrinsic Value)

परिभाषा:

  • आंतरिक मूल्य किसी कंपनी के स्टॉक का वास्तविक मूल्य होता है, जो उसके भविष्य के नकदी प्रवाह, कमाई और विकास की संभावनाओं के आधार पर निर्धारित किया जाता है।

गणना:

  • आंतरिक मूल्य की गणना विभिन्न तरीकों से की जाती है, जैसे डिस्काउंटेड कैश फ्लो (DCF) विश्लेषण, प्राइस/अर्निंग्स (P/E) अनुपात, आदि।

डेटा का स्रोत:

  • आंतरिक मूल्य की जानकारी कंपनी के भविष्य के नकदी प्रवाह, लाभांश और संभावित विकास की दर पर आधारित होती है।

प्रभाव:

  • आंतरिक मूल्य बदलती रहती है और विभिन्न निवेशकों के दृष्टिकोण और विश्लेषण के आधार पर भिन्न हो सकती है।

प्रभावकारिता:

  • आंतरिक मूल्य का उपयोग निवेशक यह निर्णय लेने के लिए करते हैं कि किसी स्टॉक का वर्तमान बाजार मूल्य उसके वास्तविक मूल्य से कम है या अधिक।

मुख्य अंतर

गणना का आधार:

  • बुक वैल्यू बैलेंस शीट पर दर्ज संपत्ति और देनदारियों पर आधारित होती है, जबकि आंतरिक मूल्य भविष्य के नकदी प्रवाह, कमाई और विकास की संभावनाओं पर आधारित होता है।

डेटा का प्रकार:

  • बुक वैल्यू ऐतिहासिक और स्थिर डेटा का उपयोग करती है, जबकि आंतरिक मूल्य भविष्य के प्रोजेक्शन्स और अनुमानित डेटा का उपयोग करती है।

उपयोग:

  • बुक वैल्यू का उपयोग कंपनी की वर्तमान वित्तीय स्थिति को समझने के लिए किया जाता है, जबकि आंतरिक मूल्य का उपयोग स्टॉक के निवेश की योग्यता का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है।

परिवर्तनशीलता:

  • बुक वैल्यू कम परिवर्तनशील होती है और केवल कंपनी की संपत्ति और देनदारियों में बदलाव के साथ बदलती है। आंतरिक मूल्य अधिक परिवर्तनशील होती है और निवेशकों के दृष्टिकोण, आर्थिक परिस्थितियों और कंपनी के भविष्य के प्रदर्शन के आधार पर बदलती रहती है।

इस जानकारी से आपको बुक वैल्यू और आंतरिक मूल्य के बीच का अंतर और उनके महत्व को समझने में मदद मिलेगी।

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