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Adani Wilmar: भारत का सबसे बड़ा एडिबल ऑयल ब्रांड कंपनी की अचानक क्यों हो रही है चर्चा?

अदाणी विल्मर, जो अदाणी एंटरप्राइजेज और विल्मर इंटरनेशनल का एक जॉइंट वेंचर है, ₹51,000 करोड़ के रेवेन्यू के साथ भारत का सबसे बड़ा एडिबल ऑयल ब्रांड बन चुका है। यह कंपनी 30 से ज्यादा देशों में कारोबार करती है और रसोई के प्रमुख उत्पादों की एक बड़ी रेंज प्रदान करती है। लेकिन अचानक इस कंपनी को लेकर चर्चा क्यों हो रही है? आइए जानते हैं अदाणी विल्मर के व्यवसाय, अदाणी ग्रुप द्वारा की गई हिस्सेदारी की बिक्री और इसके बाजार पर प्रभाव के बारे में।

अदाणी ग्रुप का बाहर निकलना: ₹18,817 करोड़ का सौदा

अदाणी ग्रुप ने अपनी प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज के माध्यम से अदाणी विल्मर में अपनी पूरी 44% हिस्सेदारी बेचने का फैसला लिया है। यह कदम अदाणी ग्रुप की रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह अपनी प्राथमिक निवेश योजनाओं को ऊर्जा, उपयोगिताएँ, परिवहन और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित करना चाहता है। 30 दिसंबर को जारी बयान के अनुसार, यह सौदा दो चरणों में पूरा किया जाएगा, और अदाणी ग्रुप को इस सौदे से लगभग $2.2 अरब (₹18,817 करोड़) मिलेंगे।

इस घोषणा के बाद, अदाणी विल्मर के शेयरों में गिरावट देखने को मिली। 31 दिसंबर को बीएसई पर अदाणी विल्मर के शेयर ₹23.60 (7.16%) गिरकर ₹305.90 पर ट्रेड कर रहे थे। वर्तमान में अदाणी विल्मर में अदाणी ग्रुप और विल्मर इंटरनेशनल की 43.94% हिस्सेदारी है।

अदाणी विल्मर क्या करती है?

अदाणी विल्मर FMCG (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) क्षेत्र की एक प्रमुख कंपनी है, जो 1999 में अदाणी एंटरप्राइजेज और विल्मर इंटरनेशनल के बीच एक जॉइंट वेंचर के रूप में स्थापित हुई थी। कंपनी प्रमुख रूप से एडिबल ऑयल, पैक्ड गेहूं का आटा, दालें, बेसन और चीनी जैसे रसोई के उत्पाद बनाती है। इसके प्रमुख ब्रांड्स में “फॉर्च्यून,” “कोहिनूर” और “किंग्स” शामिल हैं।

कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट 2023-24 के अनुसार, फॉर्च्यून ब्रांड की सालाना बिक्री ₹20,000 करोड़ से अधिक है, जबकि कोहिनूर ब्रांड की बिक्री ₹350 करोड़ से अधिक है। कंपनी के पास भारत में 23 फैक्टरियां हैं और 38 मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स लीज पर हैं। इसके अलावा, कंपनी के देशभर में 21 लाख रिटेल आउटलेट्स हैं। अदाणी विल्मर भारतीय FMCG कंपनियों के टॉप 10 में शामिल है।

अदाणी विल्मर का बिजनेस मॉडल

अदाणी विल्मर अपने कच्चे माल की आपूर्ति मंडी, किसानों और आयात के माध्यम से करती है। कंपनी का मुख्य बाजार शहरी और ग्रामीण उपभोक्ता हैं, और इसके उत्पाद ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से भी बिकते हैं। इसके अतिरिक्त, कंपनी अपनी बिक्री रिटेल स्टोर्स, उद्योगों, और होटल/रेस्टोरेंट्स को भी करती है। कंपनी की उत्पादन, वेयरहाउसिंग, और वितरण क्षमता उसे अपने उत्पादों की कीमतें कम रखने में मदद करती है।

अदाणी विल्मर के उत्पाद

अदाणी विल्मर अपने उत्पादों की विस्तृत रेंज पेश करती है, जिसमें एडिबल ऑयल (सोयाबीन तेल, सूरजमुखी तेल), गेहूं का आटा, चावल, चीनी, दालें, और बेसन शामिल हैं। इसके ग्राहकों में घरेलू उपभोक्ता, होटल/रेस्टोरेंट्स, उद्योग और एक्सपोर्ट शामिल हैं।

अदाणी ग्रुप क्यों निकाल रहा है अपनी हिस्सेदारी?

अदाणी एंटरप्राइजेज ने अदाणी विल्मर में अपनी हिस्सेदारी निकालने का निर्णय लिया है ताकि वह अपनी प्राथमिक बुनियादी ढांचा प्लेटफार्मों में निवेश को तेज कर सके, जैसे कि ऊर्जा, परिवहन, और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र। इसके अलावा, कंपनी ने अदाणी विल्मर के बोर्ड से अदाणी कमोडिटीज के नामित निदेशकों के इस्तीफे के लिए भी प्रस्ताव पारित किया है।

अदाणी विल्मर के शेयरहोल्डिंग पैटर्न

बीएसई पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, अदाणी विल्मर में अदाणी कमोडिटीज (ADANI COMMODITIES LLP) और लेंसी पीटीई लिमिटेड (LENCE PTE. LTD) की 43.94% हिस्सेदारी है। इन दोनों कंपनियों के पास कुल मिलाकर अदाणी विल्मर में 87.87% हिस्सेदारी है, जबकि पब्लिक के पास 12.13% हिस्सेदारी है।

अदाणी विल्मर के शेयरों में हलचल

इस खबर के बाद, अदाणी विल्मर के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली। 31 दिसंबर को बीएसई पर, इंट्राडे ट्रेड में शेयर की कीमत 8% तक गिर गई। पिछले एक महीने में, इस स्टॉक में 1.99% की गिरावट आई है, जबकि पिछले एक साल में यह 13.38% गिर चुका है। कंपनी का 52 हफ्ते का उच्चतम मूल्य ₹408.70 और न्यूनतम ₹279.20 है। वर्तमान में कंपनी का मार्केट कैप ₹39,926.13 करोड़ है।

अदाणी विल्मर के Q2FY25 नतीजे

अदाणी विल्मर ने FY25 की जुलाई-सितंबर तिमाही में ₹311.02 करोड़ का मुनाफा दर्ज किया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में कंपनी को ₹130.73 करोड़ का घाटा हुआ था। इसके अलावा, कंपनी का रेवेन्यू 17.87% बढ़कर ₹14,460.45 करोड़ तक पहुंच गया।

कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 में अदाणी विल्मर का कुल कारोबार ₹51,262 करोड़ था। एडिबल ऑयल सेगमेंट में उसकी सबसे बड़ी बाजार हिस्सेदारी रही, और कंपनी के प्रमुख ब्रांड “फॉर्च्यून” की सालाना बिक्री ₹20,000 करोड़ से अधिक है।

अदाणी विल्मर का बढ़ता दबदबा और अदाणी ग्रुप का यह रणनीतिक बदलाव, दोनों ही भारतीय FMCG उद्योग और शेयर बाजार पर बड़े असर डाल सकते हैं।

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