SIP क्या है ? SIP meaning in Hindi
(What is SIP? SIP meaning in Hindi) SIP को निवेश का सबसे बेस्ट तरीका माना जाता है। काफी लोगों को जानकारी के अभाव में लगता है कि SIP खुद एक निवेश है। जबकि ऐसा नहीं है। SIP निवेश का एक तरीका या प्लान है । जैसे की हम इसके नाम से ही जानते हैं SIP का फुल फॉर्म सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान है। यह निवेश करने का एक सिस्टेमैटिक तरीका है। एसआईपी (SIP) निवेश प्लान में एक ही बार में बड़ी राशि का निवेश न करने समय-समय निश्चित समय अंतराल में छोटी-छोटी राशि का नियमतः निवेश किया जाता है। जिससे लम्बे समय तक निवेश करने पर एक बड़ी धनराशि जमा हो जाती है।
इसको हम एक साधारण भाषा में समझ सकते हैं कि “बूंद बूंद से घड़ा भरता है” एसआईपी भी इसी सिद्धांत पर कार्य करता है। एसआईपी माध्यम से निवेश करने के लिए समय अंतराल में साप्ताहिक, मासिक, तिमाही, या फिर सालाना किसी भी आधार पर निवेश किया जा सकता है और एक लंबे समय तक निवेश करने के बाद हमें काफी बड़ा धनराशि जमा होकर मिलता है।
Practical Example
यहां पर नीचे मैंने दो उदाहरण आपको दिखाए हैं मात्र 1000 के हर महीने SIP माध्यम से निवेश पर 20 साल में आपको 15% के रिटर्न के हिसाब से आपका निवेशित अमाउंट 2.4 लाख से बढ़कर 15.16 लाख हो जाता है। इसी प्रकार अगर आप उसको और ज्यादा समय तक निवेश रखते हैं तब उसका फायदा इसमें और ज्यादा देखने को मिलता है जैसे कि उसी 1000 के निवेश में ही आप अगर 40 साल अगर होल्ड करते हैं तब 15% के हिसाब से ही आपको आपका निवेश किया हुआ पैसा 4.8 लाख से बढ़कर 3.14 करोड़ हो जाता है। इस प्रकार आप इसमें कंपाउंडिंग के फायदे को देख और समझ सकते हैं।
SIP में निवेश क्यों करना चाहिए
1. बजट के अनुसार सुविधा :
SIP माध्यम में निवेश करने के लिए हमें बड़ी धनराशि की आवश्यकता नहीं होती है। इसमें हम मात्र ₹500 से या ₹1000 से अपने निवेश की शुरुआत कर सकते हैं, और अपने बजट के अनुसार आने वाले समय में अमाउंट को कम या ज्यादा कर सकते हैं। SIP माध्यम में फ्लैक्सिबिलिटी होती है जिसके अनुसार निवेश करने पर लोगों को बजट के अनुसार सुविधा होती है।
2. लॉन्ग टाइम में बड़ा रिटर्न :
लंबे समय के लिए निवेश करने के लिए एसआईपी माध्यम को सबसे बेस्ट तरीका माना जाता है। इसमें हमें कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है। जो भी हम निवेश करते हैं उस राशि पर हमें रिटर्न मिलता है और उसके बाद उस रिटर्न की राशि पर भी हमें रिटर्न मिलता है। इस प्रकार जो हमारा इन्वेस्ट किया हुआ अमाउंट है, और जो रिटर्न मिल रहा है वह दोनों मिलकर कंपाउंडिंग होते जाते हैं। एक लंबे समय के बाद हमारे पास एक बड़ा धनराशि जमा हो जाता है।
3. अनुशासित निवेश :
हम अधिकतर अपनी काफी पैसे छोटे छोटे बिना मतलब के खर्च कर देते हैं जो कभी वापस नहीं आता है। हम हर हफ़्ते, हर महीने या एक निश्चित समय अंतराल में छोटी छोटी राशि निवेश करते जाते हैं। इस थोड़े थोड़े अमाउंट से हमारे बजट में कोई फर्क नहीं पड़ता है और एक लम्बे समय के बाद हमारे पास एक बड़ी धनराशि जमा हो जाती है। जिससे हमने फ़िजूलखर्च से बचा लिया था। इस प्रकार SIP के माध्यम से हम एक अनुशासित निवेशक बन जाते हैं।
4. कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा
दोस्तों इसमें कॉस्ट एवरेजिंग का भी फायदा मिलता है अगर मार्केट में गिरावट आता है तो हमें उस अमाउंट पर ज्यादा यूनिट में प्राप्त हो जाता है और अगर मार्केट में तेजी आता है तब हमें अपने निवेशित अमाउंट पर यूनिट की संख्या कम प्राप्त होती है। इस प्रकार हमें कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा मिलता है। यानी कि अगर मार्केट में गिरावट हो जाती है तब जिस भी म्यूच्यूअल फण्ड या स्टॉक में हम SIP किये रहते हैं उसका दाम मार्केट गिरने के कारण कम हो गया होता है और हमें वह स्टॉक या म्यूच्यूअल फण्ड जाता यूनिट या क्वांटिटी में मिल जाता है। मार्केट में गिरावट पर हम लॉस में नहीं जाते हमारे निवेशित अमाउंट पर हमें ज्यादा यूनिट प्राप्त होती है।
SIP कैसे चालू करें ?
दोस्तों एसआईपी की शुरुआत आप दो तरीके से कर सकते हैं एक होता है म्यूच्यूअल फंड एसआईपी और दूसरा होता है स्टॉक एसआईपी तो चली पहले जानते हैं म्यूच्यूअल फंड एसआईपी के बारे में
1. Mutual Fund SIP :
म्यूच्यूअल फंड SIP की शुरुआत करने के लिए आप अपने फंड हाउस में जा सकते हैं। वहां पर केवाईसी सबमिट करने के बाद आपका अकॉउंट ओपन हो जायेगा फिर आप किसी स्किम का चुनाव करके उसमे अपने सुविधा के अनुसार समय चुनकर SIP को चालू कर सकते हैं। इस प्रोसेस को आप ऑनलाइन भी स्टार्ट कर सकते हैं आजकल डीमेट अकाउंट सभी के पास आसानी से ओपन हो जाता है। आप अपने demat account से किसी भी म्यूच्यूअल फण्ड में SIP माध्यम से निवेश कर सकते हैं।
SIP चालू करने के बाद आपके चुने हुए समय के अनुसार जैसे कि ज्यादातर लोग महीने का चुनाव करते हैं, तो हर महीने आपके बैंक अकाउंट से आपके द्वारा निश्चित की हुई राशि आपके बैंक अकाउंट से कट के उसमें आपके म्यूच्यूअल फण्ड स्किम में निवेश हो जाएगा। आपके द्वारा चुनी हुई समय जैसे कि 10 साल 20 साल तक यह राशि हर महीने या फिर हर क्वार्टरली जैसा कि आप समय का चुनाव करते हैं उसी के रिकॉर्डिंग चलते रहेगा और लंबे समय के बाद आपको एक अच्छा रिटर्न जनरेट करके मिलेगा।
2. Stock SIP :
दोस्तों किसी भी स्टॉक में एसआईपी करने के लिए आप अपने डिमैट अकाउंट से एसआईपी की शुरुआत कर सकते हैं । आप अपने डिमैट अकाउंट से किसी भी स्टॉक का चुनाव कर सकते हैं जो आप स्टडी करके रखे हैं और आपको लगता है कि वह भविष्य में अच्छा बढ़ने वाला है। आप उसमें मंथली या फिर अपनी सुविधा के अनुसार समय अंतराल में एसआईपी को शुरू कर सकते हैं । जो भी अमाउंट होगा आपके निश्चित किए हुए समय पर आपने बैंक अकाउंट से कट काट लिया जाएगा और आपके इस आईपी किए हुए स्टॉप पर निवेश हो जाएगा। इस प्रकार एक लंबे समय में आप अच्छा रिटर्न बना सकते हैं।
निष्कर्ष :
दोस्तों एसआईपी आपको एक अनुशासित है निवेशक और फिजूलखर्ची से बचाने वाला और लंबे समय में अच्छा वेल्थ बनाने वाला बनाता है। उम्मीद करता हूं या जानकारी आपको अच्छी लगी होगी अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ और अपनी सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें